शनिवार, 9 सितंबर 2017

कत्थक नृत्य के कुछ मिथक या उलझन

हम हमेशा हर क्षेत्र में किसी न किसी मिथक या उलझनों से रूबरू होते हैं, हमारा नृत्य जगत भी इससे अछूता नही है । यह उलझने जिनका जिक्र मैंने किया है वो सिर्फ कत्थक नृत्य से रिलेटेड उलझने नही है इन उलझनों को आप गायन , वादन या संगीत की अन्य विधाओं से भी रिलेट कर समझ सकते हैं, आइये जानते है इन उलझनों के बारे में.......
एक मशहूर मिथक है जिसे मैंने अक्सर सुना है कि क्या कथक सीखने से हमारी लम्बाई नही बढ़ेगी?
यह निष्कर्ष निकालना कि कत्थक हमारी ऊंचाई को सीधे प्रभावित करता है गलत है,अनुवांशिकी जैसे अधिक प्रभावी कारक है,जो हमारी ऊंचाई को प्रभावित करते हैं । यह सिर्फ एक मिथक है कि कत्थक नर्तक लंबे नहीं होते हैं अगर वह कत्थक सीखें। आप कई नर्तकों के इतिहास को खंगाल सकते हैं यह जानने के लिए कि कत्थक ने नर्तकों की लंबाई को प्रभावित किया है या नही। इसके लिए आप उनके माता -पिता की लंबाई देखिए उनके परिवार के सदस्यों की लंबाई देखिए। निस्संदेह आप पाएंगे कि नर्तक की लंबाई उनके माता या पिता जैसी है।

एक उलझन उन पेरेंट्स को होती है जिनकी संतान लड़का हो और वो अगर नृत्य सीखना चाहे क्या लड़के भी कत्थक सीख सकते हैं?
आप चुनने के लिए स्वतंत्र है कि आप क्या करना चाहते हैं और कत्थक हमारे द्वारा किया जाता हैं लोगों के द्वारा नहीं ।सोसायटी ने एक नियम बना दिया है कि नर्तन सीखने वाले पुरुष उचित पुरुष नहीं है लेकिन यह बिल्कुल सही नहीं है। यह बात जरूर है कि शास्त्रीय नृत्य रूपों को ज्यादातर महिलाओं और लड़कियों द्वारा किया जाता है लेकिन फिर भी पंडित बिरजू महाराज जैसे लोगों ने सोसायटी को सिखाया है कि मैं पुरुष हूं पर मैं बेहतर कर सकता हूं। कत्थक या कुकिंग सीखने के लिए जरूरी नहीं कि आप महिला हो, अगर आप सचमुच कुछ करना चाहते हैं तो सिर्फ दो मंत्र है "मैं इसे कर सकता हूं" और "मैं इसे करूंगा"। वास्तव में कत्थक के घरानों के संस्थापक और डेवलपर्स पुरुष नर्तक थे।
उदाहरण के लिए....
लखनऊ घराने से बिंदादीन महाराज, अच्छन महाराज, लच्छू महाराज, शंभू महाराज इत्यादि।
जयपुर घराना से लालू जी, कान्हू जी, इत्यादि।
बनारस घराना से जानकी प्रसाद, गोपीकृष्ण इत्यादि।

एक और क्वेश्चन आता है कि क्या मैं बहुत मोटी हूं तो भी कथक सीख सकती/सकता हूं ?
जी हां जवाब है कत्थक या किसी भी प्रकार कर नृत्य आप अपने भारी वजन के बावजूद निश्चित रुप से सीख सकते हैं। शुरू में आपके लिए संतुलन करना मुश्किल हो सकता है पर अगर आपके पास नई चीजें सीखने का साहस है तो वजन, आयु या कोई भी अन्य चीजें मुश्किल से मायने रखती है। एक अच्छे दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़िए और कड़ी मेहनत कीजिए। कत्थक के रूप में जहां भाव, मुद्रा और अन्य कई बॉडी पार्ट्स है जिनका बहुत सॉफ्ट प्रदर्शन होता है। शुरुआत में यह आपके लिए दिक्कत करेगा दूसरी ओर आप इस नृत्य में ततकार और चक्कर आपके शरीर को स्लिम करने में मदद भी कर सकता हैं, यह आपके लिए काम करेगा।

एक दूसरा क्वेश्चन जो कथक सीखने वालों को परेशान करता है कि मेरी उम्र 30 साल से ऊपर हो चुकी है क्या मैं भी कथक सीख सकती हूं या सकता हूं ?
जी हां सीखी जाने वाली किसी भी शास्त्रीय नृत्य में उत्साह और धैर्य की आवश्यकता होती है। यदि आप अपने आप में धैर्य और उत्साह महसूस करते हैं तो आप निश्चित रूप से पारंपरिक शास्त्रीय नृत्य फॉर्म आपके लिए आसान होगा। ज्यादा उम्र की वजह से आप कत्थक के माध्यम से व्यक्त होने वाले विभिन्न स्थितियों को समझने के लिए परिपक्व है। आपके लिए इस नृत्य को समझना ज्यादा आसान होगा  आप इस उम्र में भी बखूबी कथक नृत्य का प्रशिक्षण ले सकते हैं। आपकी परिपक्वता आपको अच्छी अभिव्यक्ति के साथ अच्छे तरीके से व्यक्त करने में मदद करेगी। इसका मतलब है कि भले ही आपने अपने बचपन में कत्थक सीखना शुरू नहीं किया। ज्यादा उम्र हो जाने पर सीखना शुरू करेंगे तो अपने बचपन से ज्यादा अच्छी गति से सीख सकते हैं। इसे आप एक आदर्श उम्र के रूप में लीजिए और जब चाहे आप सीखना शुरू कीजिए,बस आपको धैर्य रखना होगा और कठिन परिश्रम करना होगा।

कत्थक के छात्रों के लिये एक उलझन यह भी होती है कि क्या कथक नृत्य गुरु काफी सख्त होते हैं?
यह प्रश्न काफी अजीब है । यह सख्त होते हैं लेकिन बहुत सख्त नहीं होते। पर वह क्यों सख्त होते है क्योंकि कथक नृत्य में हाथ के आंदोलन, नृत्य के तत्कार में सुंदर और सटीक होना जरूरी है, जिस वजह से वह सख्त होते हैं। शास्त्रीय नृत्य रुप को जानने के लिए किसी भी छात्र या छात्रा को बहुत सारा अभ्यास, ईमानदारी, समर्पण, कड़ी मेहनत और अनुशासन की आवश्यकता होती है। आम तौर पर छात्रों को अपनी सीमा से ज्यादा करने का उत्साह भरते हैं,तो सख्ती करते दिखाई पड़ते हैं। प्राचीन काल में शास्त्रीय नृत्य केवल एक शौक नहीं था, पूजा मानते थे।  पूरी जिंदगी समर्पित कर देते थे। इसी वजह से आज के जो भी गुरु है जिन्होंने इसफॉर्म का प्रशिक्षण ले रखा है, वह अपने विद्यार्थियों से भी यही समर्पण की मांग करते हैं, जिस वजह से विद्यार्थियों में वह सख्त दिखाई पड़ते हैं।

एक और क्वेश्चन है कि मुझे कत्थक नृत्य सीखने में कितना वक्त लग जाएगा?
यह क्वेश्चन मेरे लिए तो काफी हास्यास्पद है मैं यहां आपको बता रही हूं यह निर्भर करता है कि आप कत्थक कैसे सीखना चाहते हैं सीखने के दो तरीके हैं पहला सिर्फ सीखने के लिए और दूसरा डिग्री प्राप्त करने के लिए। 
          कत्थक एक शास्त्रीय नृत्य है जो उत्तर भारत में उत्पन्न हुआ। तत्कार के साथ शुरू होता है, विभिन्न तालों में पेश किया जाता है, और कई प्रक्रियाओं को सिखाया जाता है। तोड़ा, परन, आमद कई चीज है जो आपको सीखनी होती है। यदि आप कोई भी परीक्षा नहीं देना चाहते हैं, और सिर्फ सीख लेते हैं तो वहां कोई पाठ्यक्रम नहीं होगा और आपका गुरु अपनी पसंद के अनुसार सिखाने के लिए स्वतंत्रता लेगा। क्या करना होगा कि आपको इसे कब स्टॉप कर देना है और आप आगे जानना चाहते हैं तो आप कितना समय तक सीखने में खर्च करेंगे। जितना सीखेंगे उतनी जटिलता बढ़ेगी,और कत्थक के विभिन्न पहलुओं से आप परिचित होंगे। लेकिन अगर आपने दूसरा मार्ग चुना है जिसमें आप डिग्री लेना चाहते हैं तो आपको इसमें वह चीजें दिखाएं जाएंगे जो सिलेबस में होती हैं। इससे इसमें अवधि बहुत अधिक हो जाएगी और आपको सब कुछ सीखना होगा बिना किसी एक पक्ष को छोड़े हुए। आपकी इसमें पसंद नहीं शामिल की जा सकती। सारी बारीकियांसीखनी होंगी जो सिलेबस में दिया हुआ है। इसलिए आप तय करें कि आप कौन से तरीके से सीखना चाहेंगे आप सिर्फ सीखना चाहते हैं या आपको इसमें मास्टर होना है।

एक खास सवाल जो अक्सर छात्रों के मन में उठता है कि मैं अपने वर्तमान गुरु की भावनाओं को बिना चोट पहुंचाए कैसे एक दूसरे गुरु से प्रशिक्षण लूं?
हां इस सवाल के जवाब के लिए पहले आप खुद से स्पष्ट कीजिए कि आप आगे कथक की कक्षाओं के लिए नया शिक्षक क्यों चाहते है।  अगर नया गुरु आपको चाहिए तो आप अपने वर्तमान गुरु से कभी भी झूठ ना बोले आप स्पष्ट रुप से बता सकते हैं अपनी मुश्किल के बारे में।  आपको लगता है कि आप उनके शिक्षण के तरीके से सहज नहीं है तो कहना आसान नहीं होगा लेकिन फिर भी आपको बताना चाहिए। अगर आप नहीं बताना चाहते तो कुछ भी और बोले लेकिन उनका अपमान कभी ना करें। यदि आपका घर कक्षाओं से दूर है तो इस बारे में आप बता सकते हैं या आप अपनी पढ़ाई के साथ आप इसे नहीं कर पा रहे हैं, अभ्यास में टाइम नहीं दे पा रहे हैं, तो इसे स्पष्ट रूप से बताएं। याद रखिए आप कितने भी गुरु बदल लें आप की शुरुआत किस गुरु ने की है, वह आपके गुरु ही रहेंगे उनका सम्मान करना सीखिए, क्योंकि पहले गुरु ने ही इस खूबसूरत कला का प्रदर्शन करने के लिए आपको तैयार किया है। आप नई चीजें सीखने के लिए दूसरे गुरु का चुनाव कर सकते हैं।
धन्यवाद।

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