सोमवार, 18 सितंबर 2017

शरीर का शास्त्र और नृत्य

शरीर का शास्त्र और नृत्य 
नृत्य सिखाने के दौरान मुझे एक समस्या ने हमेशा परेशान किया है। मेरे यहां नृत्य का प्रशिक्षण लेने आने वाली अधिकांश लड़कियों में झुक कर खड़े होने की प्रवृति होती है। किसी -किसी में यह बेहद माइनर होता है पर फिर भी नृत्य में इसका प्रभाव पड़ता है। कुछ लड़कियां तो इतने बुरे ढंग से खड़ी होती है या स्टेप लेती हैं कि पहले नृत्य सिखाना छोड़ मुझे खड़े होने या चलने के तरीके को सिखाना पड़ता है। सिखाने से कभी मुझे प्रॉब्लम हुई भी नहीं है पर सभी लड़कियां गलत तरीके से क्यों खड़ी होती है!! यह सवाल मेरे मन में जरूर आता है। फिर मैंने सोचा तो पाया कि जब मैं नृत्य का प्रशिक्षण लेती थी उस दौरान मेरा भी बॉडी पोस्चर बेहद खराब थी। हालांकि यह मुझसे किसी ने कहा नहीं क्योंकि नृत्य का प्रशिक्षण मैंने पुरुष नर्तक से लिया है और या तो उनका ध्यान नही होगा या समाज की व्यवस्था ने उन्हें कभी कहने का साहस नही दिया होगा । तो इस बारे में मुझे कुछ पता नही। पर मेरे खराब पोस्टर की बात मुझे अपने तस्वीरों या डांस के वीडियो से पता चली तो धीरे - धीरे मैंने इस पर काम किया और खुद में सुधार किया।भारत में हमारी लड़कियों की परवरिश कुछ इस ढंग से होती है कि उनके उठने और बैठने का तरीका काफी प्रभावित होता है। हमें बचपन से ही हर बात के लिए टोका जाता है... इस तरीके से क्यों बैठी हो, पैर पे पैर क्यों चढ़ा रखा है, दुप्पटा क्यों नहीं ओढ़ती, दुप्पटा गले में क्यों डाल रखा है, वगैरह-वगैरह। इस वजह से हमारा रहन-सहन काफी प्रभावित होता है। लड़कियों के अंदर बेहद गलत तरीके से उठने और बैठने की आदत पड़ चुकी होती है। आपने ध्यान दिया होगा कई फैमिलियों में जहां पर बचपन से ही लड़कियों को कोई कपड़े पहनने या किसी काम पर रोक-टोक नहीं होती वे बेहद सीधे तरीके से चलती है या बिंदास बातें करती हैं। उनका बॉडी पोस्चर वैज्ञानिक तरीके से ज्यादा सही होता है उनके मुकाबले जिनको हर बात के लिए टोका जाता है। ऐसा लिखकर मैं यह नहीं कहना चाहती हूं कि दुपट्टा लेने से या शरीर को ढक कर रखने से आप का पोस्टर खराब होता है। पोस्चर खराब होता है बेवजह टोका-टाकी करने से! क्योंकि जब हम एक लड़की को बचपन में टोकते हैं कि ऐसे क्यों बैठी हो तो वो लड़की डर या शर्म से अपने कंधों को सामने की तरफ ज्यादा झुका लेती है या अपने शरीर को सिकोड़ती है। और फिर यह क्रिया आदत के रूप में धीरे-धीरे हमारे शरीर को जकड़ लेती है और हमारा पोस्चर खराब दिखने लगता है। आप निम्न तस्वीर देख कर अच्छी सरंचना और बुरी संरचना में अंतर समझ सकते हैं।

खराब पोस्चर

नॉर्मली लडकियां इसी पोस्चर से खड़ी होती हैं जिनसे नृत्य का पोस्चर भी खराब लगता है।
सही पोस्चर

इस तस्वीर में आपने देखा कि सही पोस्चर क्या है। इस सही पोस्चर को बनाने के लिए आपको दीवाल में चिपक कर खड़ा होना होगा। जिसमें आपका हिप, कंधे का पिछला हिस्सा और सिर का पिछला हिस्सा दीवाल में स्पर्श करता हुआ होगा। यह पोस्चर जब आप दीवाल में खड़े हो कर बनाएंगे तो अगर पाएंगे कि आप को असुविधा हो रही है तो आपका पोस्चर गलत रहा है। इस पोस्चर का प्रयोग आप चलने , खड़े होने या नृत्य में कीजिये तो आप बेहतर नर्तक बन सकते हैं।अच्छे आसन के हमारे सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद कभी-कभी आप झुकने से बच नहीं सकते जब आप बागवानी या कोई काम कर रहे हो जिस पर आपको अपने शरीर को मोड़ना पड़ता है तो घुटनों के झुकाव और अपनी पीठ को सीधा रखना सुनिश्चित करें और सीधे बैठे। अगर कोई चीज उठा रहे हैं उस चीज को उठाते समय अपने शरीर को सीधा रखें।गोलाकार पीठ के साथ उठाने से आपके रीड की हड्डी पर अनचाहा दबाव पड़ सकता है जो आपके पीठ को घायल कर सकता है। इसलिए उठने बैठने में भी पोस्चर का ध्यान रखें।
कई तरह के अनुसंधानों ने उन तरीकों की पहचान की है जो महिलाओं को दर्शकों की नजर में अच्छे नर्तक बनाता है। और उन अनुसंधानों का कहना है कि अच्छा नर्तक बनने के लिए आपको कमर और कूल्हों का इस्तेमाल ज्यादा करना होगा। अध्ययन में पाया गया है कि जो महिलाएं हिप बीटिंग का इस्तेमाल नृत्य को प्रदर्शित करने के लिए करती हैं,उनकी तरफ दर्शक ज्यादा आकर्षित करते होते हैं,बजाय उनके जो अपने हिप या कमर का इस्तेमाल नृत्य में बिल्कुल नहीं करते या इसे स्थिर रखते हैं। यह भी पाया गया कि पैरों/जांघो या हाथ और शरीर के बाकी गतिविधियों दोनों का संतुलित प्रयोग महिला नर्तकी के लिए प्रभावशाली माना गया है।इनका उचित प्रयोग उन्हें एक अच्छा नर्तक बनाता है।जो नर्तक अपने नृत्य में कूल्हों का इस्तेमाल कम करते हैं या हाथ और पैरों की गतिविधियां शरीर से काफी दूर-दूर और अजीब तरीके से रखते हैं, उन्हें हम बुरा नर्तक ही कर सकते हैं। इसके विपरीत अगर महिला नर्तकों ने अपने कूल्हों का इस्तेमाल या कमर का इस्तेमाल ज्यादा किया, पैर और हाथों का संतुलन बेहतर तरीके से सामंजस्य से किया तो उनका नृत्य अच्छे नृत्य की श्रेणी में आएगा। अब सवाल यह है कि हिप बीटिंग या कमर का इस्तेमाल एक महिला नर्तकी को अच्छा क्यों दिखाता है शायद इसलिए क्योंकि यह क्रिया उनके स्त्रीत्व को प्रदर्शित करने में सहायता करती है। और स्त्री का स्त्री होना ज्यादा खूबसूरत होता है कभी भी। 
अब नृत्य किसे करना चाहिए या किसमे अच्छा लगेगा ? हर इंसान का अपना अनुवांशिकी होता है, जो उनके शरीर का प्रकार निर्धारित करता है। शरीर के विभिन्नता के बावजूद अगर कोई व्यक्ति चल सकता है, और कड़ी मेहनत करने को तैयार है तो वह नृत्य कर सकता है। कोरियोग्राफर और कोरियोग्राफिक कंपनी के मालिक नर्तको की प्रतिभा के आधार पर नौकरी देने से ज्यादा उनके बॉडी स्ट्रक्चर की खूबसूरती और लुक्स पर भी  ज्यादा फोकस करते हैं, और उन्हें अपने यहा नौकरी देते हैं। इस बात को अगर आप समझ लें तो आप जितनी मेहनत अपने नृत्य को निखारने में करेंगे उतनी मेहनत आप बॉडी स्ट्रक्चर और लुक्स को भी निखारने में करेंगे। नृत्य शरीर के माध्यम से आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है यह नृत्य के सौंदर्यशास्त्र के साथ हमारी छवि और संस्कृति से जुड़ा हुआ होता है। आपके शरीर का प्रकार/शरीर का टाइप यह निर्धारित करता है कि आप को कौन सा आहार लेना चाहिए। या कौन सा बॉडी पोस्चर आपके लिए ज्यादा बेहतर काम करेगा। यह जानने से पहले आपको यह जानना होगा कि आपके शरीर का प्रकार कौन सा है। कुल तीन प्रकार के शरीर होते हैं। और आपके शरीर का प्रकार कौन सा है, यह समझने के लिए नीचे लिखी तीनों टाइप्स को ध्यान से पढ़िए।
इक्टोमोर्फ (Ectomorph)
यह पहला प्रकार होता है शरीर का, जिसमे पतली या नाजुक स्ट्रक्चर होती है। जो आमतौर पर लंबा और लचीला होता है,सपाट छाती होती है और आसानी से वजन नही बढ़ पता है। इनके कंधे झुके होते हैं, पोस्चर प्रॉब्लम होती है और इनको भरा-भरा शरीर प्राप्त करने के लिए काफी मसक्कत करनी होती है। इस शरीर पर चर्बी अधिक नहीं होती है। इस प्रकार का शरीर ectomorph कहलाता है। यदि आप इस प्रकार के शरीर वाले हैं तो आपको प्रोटीन की जरूरत ज्यादा होगी और आपको शरीर के सरेखन (alignment) पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होगी। आपको flexibility वाले व्यायाम को अपने रूटीन में जोड़ना होगा।
मेसोमोर्फ (Mesomorph)
यह दूसरा टाइप है इसमे बॉडी का स्ट्रक्चर सख्त होता है। अच्छे तरीके से विकसित पेशियां होती है परिपक्व बनावट होती हैं। शरीर की अच्छी मुद्राएं होती है। यह शरीर वजन आसानी से हासिल कर लेता है! और फिर वह खो भी देता है!! मांसपेशियों काफी लचीली होती है।
इस तरह के शरीर की संरचना वाले को शरीर में जमने वाली वसा पर नजर रखनी होती है। क्योंकि आप की सतर्कता बेहद अच्छा संतुलन रख सकती है इस टाइप वाले शरीर को।
इंडोमोर्फ (Endomorph)
यह तीसरा टाइप होता है शरीर का। इस तरह का शरीर कोमल होता है। शरीर में गोलाई होती है। पेट वाले हिस्से पर काफी चर्बी होती है। मांसपेशियाँ लचीली होती है और पाचन तंत्र काफी एक्टिव होता है! जिस वजह से वजन कम करने में काफी समस्या होती है। इस प्रकार के शरीर वाले को नृत्याभ्यास के बाद भी कार्डियो जैसे वैट लॉस करने वाले प्रोग्राम पर काम करने की जरूरत होती है। इन्हें प्रोटीन और सब्जियों के साथ बहुत कम आहार लेने की आवश्यकता होती है।

कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस तरह के शरीर के मालिक है। आप स्वस्थ हो सकते हैं, आकार में और स्ट्रक्चर में बेहद खूबसूरत दिख सकते हैं और नृत्य भी बेहतरीन कर सकते हैं। बस अपने शरीर के प्रकार को समझें और इसके लाभ का उपयोग करें। कमियों पर गौर करें और उसे सुधारने का प्रयास करें आप सबसे अच्छे हो सकते हैं। इतना करने के बावजूद अगर आपके पास परफेक्ट डांसिंग फिगर नहीं है तो इसे पाने के आप नृत्य क्लास अटेंड कीजिए। व्यायाम कीजिए, निरन्तर कोशिश कीजिये और इतना विश्वास रखिए कि आप नृत्य के माध्यम से दुनिया का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।अपने जीवन से दूसरे लोगों को भी प्रेरित कर सकते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें