बुधवार, 14 जून 2017

कुछ अनोखापन है आपके नृत्य में?

क्या आप नृत्य की शिक्षा ले रहे हैं? तो यह आर्टिकल आपके लिए है... जिस तरह आप अपने फ्यूचर की प्लानिंग करते हैं वैसे ही जिस विषय कि आप शिक्षा ले रहे हैं उसमें आप विशेषज्ञ बन सके उसके लिए भी प्लानिंग करनी जरूरी है।नृत्य सीखने के दौरान सिर्फ सीखते जाना सही है,ऐसा कर आप अपने गुरु की नजरों में एक काबिल छात्र या छात्रा बन जाते हैं।सिखाये हुए सभी तोड़े,टुकड़ों को सही से प्रस्तुत करना और उन्हें ताल के अंतर्गत गिनकर सम पर लाना,अपने पाठ्यक्रम के सारे तालों को जानना, उन्हें कई विभिन्न नए लयकारिओं में प्रस्तुत करना और नियमित रियाज करना। अगर आप यह सारे कार्य जानते हैं,तो निश्चय ही आप बेहतर विद्यार्थी हैं नृत्य के।

पर क्या इतना काफी है? इससे आप एक अच्छे नृत्य के जानकार बन सकते हैं,और बेहतर नृत्य गुरु बन सकते है।  अगर आपके नृत्य प्रस्तुतीकरण का ढंग प्रभावशाली है तो मंच के  प्रतिष्ठित कलाकार बन सकते हैं। पर क्या आपको नहीं लगता कि 134 करोड़ के भारत की आबादी में आपके जितना मेहनत करने वाले लाखों कत्थक के विद्यार्थी होंगे,जो पहले से मौजूद बेहतर नृत्य शिक्षा और मंच के कलाकार से बेहतर बनने का प्रयास नहीं कर रहे होंगे? आप दुनिया की नजर में आना चाहते हैं तो कुछ अनोखा कीजिए। जरूरत सिर्फ रियाज करते जाने की नहीं है। आप खुद को किस तरह के  कलाकार के रूप में देखना चाहते हैं यह समझने की जरूरत है। वह अनोखापन खुद में ढूंढने की जरूरत है जो किसी दूसरे कलाकार में ना हो। कोई एक ही चीज बार-बार क्यों देखेगा! आप क्या शॉपिंग करने जाते हैं, तो पहले से मौजूद ड्रेस जैसी ही दूसरी खोज कर खरीदते हैं...!! नहीं ना? बल्कि आपकी कोशिश यही रहती है कि जो भी ड्रेस ले वह अच्छी हो,और सबसे अलग दिखे। पर सवाल यह है कि अनोखापन लाने के लिए क्या करना होगा। यहां मैं कुछ टिप्स लिख रही हूं जो आपने अनोखापन पैदा करने में मदद करेगा। और कुछ चीजें जो मैं आपके अंदर क्या खूबी है नहीं जानने की वजह से नहीं बता पाऊंगी..उन्हें आप खुद ढूंढने का प्रयास कीजिएगा।
ततकार-कथक नृत्य में ततकार सबसे पहले सीखने वाली विद्या है इसका आप नियमित कम-से-कम एक घंटा रियाज करें। और तरह-तरह की लयकारिया प्रस्तुत करें। मैंने अपने विद्यार्थियों से बात की जो नियमित एक घंटा सिर्फ ततकार की रियाज करते हैं,लेकिन सिर्फ तीन ताल में ता थेई थेई तत आ थेई थेई तत! ....ऐसा करने का कोई फायदा नहीं,आप बस इसे ऐसे करें कि 1 घंटे में समय बांट दें और कुछ समय तीन ताल में पहले विभिन्न लयकरियाँ करें। फिर कुछ समय तक पैरों को सादा 8गुन या 16 गुन में संचालित करें। और बाकी बचे समय में दूसरे ताल की भी लयकारियाँ करें। याद रखें ताल बहुत सारे हैं और आप हर ताल के तत्कार में एक 1-1 घंटे नहीं दे सकते, इसलिए 1 घंटे में सिर्फ दो ताल की तत्कार ही करें।
हस्तक - तत्कार के बाद बारी आएगी हस्तक में सुधार की। हस्तक में मुद्राओं का समावेश होता है। जिसमें आप संयुक्त और असंयुक्त मुद्राओं का प्रयोग करते हुए तीन ताल में सभी हस्तक एक के बाद एक विभिन्न लयों में करें। हस्तक में सुधार के लिए आप सभी हस्तक एक बार अपने गुरु के सामने जरुर करें और दिखा कर पूछ ले कि कहां-कहां और क्या-क्या कर गड़बडिया है। फिर उन्हें एक-एक कर सुधारे। याद रखें आपकी गड़बड़ियां एक सही गुरु ही आपको बताएगा। यह बात मैंने अपने पिछले आर्टिकल में भी कही है “क्या सही गुरु से ले रहे हैं आप नृत्य की शिक्षा”। अधिकांशतः कथक के विद्यार्थियों का हस्तक करने के दौरान या तो कंधे लटके होते हैं या  कोहनिया नीचे की ओर झुकी होती है। और पूरे शरीर का पोस्टर बेढंगा होता है। कत्थक में कई ढंग और तरीके के हस्तक होते हैं,आपको सभी हस्तक पूरे मनोयोग से और बारीकी से सीखने और करने चाहिए। जितनी मेहनत आप हस्तक पर करेंगे आपका नृत्य उतना ही बेहतर होगा।
चक्कर- अगर आप चाहते हैं कि सभी दर्शक आपको चमत्कृत होकर देखे तो चक्कर पर पकड़ अवश्य बनाएं। नृत्य में चक्कर ले पाना आसान नहीं होता। इसमें अगर आप सबसे अनोखा बनना चाहते हैं तो सिंपल एक का चक्कर से काम नहीं चलेगा। आपको एक बार में चार से पांच चक्कर लेने की कोशिश भी करनी होगी बिना उन चार या पांच चक्करो के बीच में पैर टिकाये या रखे। जितनी कोशिश आप बाईं तरफ से चक्कर लेने में करते हैं उतनी कोशिश दाईं तरफ के चक्कर पर भी पकड़ बनाने पर करें तो निश्चित ही आपके पास अनोखापन मौजूद हो जाएगा। क्योंकि कत्थक में सीधी चक्कर तो सभी लेते हैं पर उल्टी चक्कर लेना बहुत मुश्किल होता है। चक्कर पर पकड़ बनाने के लिए शारीरिक संतुलन काफी मायने रखता है शुरुआत में रियाज करते वक्त आप लड़खड़ा सकते हैं पर धीरे-धीरे कोशिश करते रहें तो लड़खड़ाना कम होगा और स्थिरता आती जाएगी। चक्कर एड़ी पर ही करें पंजों पर नहीं। एड़ी पर चक्कर लेने से चक्कर करने के दौरान आपका शरीर अप-डाउन नहीं करेगा। चार-पांच चक्कर करने में चौथे या तीसरे चक्कर पर एक बार पंजों का प्रयोग कर सकते हैं.

         .....इसी तरह और भी कई चीजें हैं जिसको एक आर्टिकल में समेटना संभव नहीं। आपको अनोखा नर्तक बनाने में कत्थक नृत्य में कई छोटी-बड़ी चीजें हैं जो आपको प्रेक्टिस करनी होगी। यह कथक के प्रति आपका समर्पण और तपस्या ही आप से करवा सकती है। मैं आगे की आर्टिकल में बाकि बाते बताऊंगी
            धन्यवाद।


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