यहां
मैं आपको तीनताल के माध्यम से बताउंगी कि तरह-तरह की लयकारियों को कैसे
लिखें।सबसे पहले ठाह लय को तीनताल में समझिये। तीनताल में कुल १६ मात्राएँ
और ४ विभाग होतें हैं, जिसमे ३ तालियां पहली,पांचवी और तेरहवी मात्रा पर आती है. तथा खाली
नवी मात्र पर दिखाई जाती है . निचे तीनताल की ठाह लय
लिपिबद्ध किया गया है जिसका चित्र निम्न हैं .
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ठाह लय तीनताल |

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दुगुन लय तीनताल |


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तिगुन लय तीनताल |
अब तीनताल की तिगुन के बाद तीनताल की चौगुन को
लिपिबद्ध करना है. जैसे दुगुन में हमने एक मात्र में दो बोल को चंद्राकर चिन्ह से
घेरा वैसे ही चौगुन में एक मात्रा में चार बोलों को चंद्राकर में घेरना है. इसके
लिए सबसे पहले तीनताल के पुरे आवर्तन को चार बार बिना विभाग लगाये या कोई मात्र
लगाये लिख लेंगे. और चार-चार बोलों को चंद्राकर में घेरते हुये मात्रा और ताली
खाली का चिन्ह लगा कर विभाग बाँट देंगे.चौगुन लय के लिए चित्र को देखें....
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चौगुन लय तीनताल |
इसी तरह हम किसी भी ताल की दुगुन तिगुन या चौगुन लय उपरोक्त विधि से बना सकते हैं .
Chekun
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